Not known Facts About hanuman chalisa
Not known Facts About hanuman chalisa
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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।
हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि रामायण के बाद सबसे प्रसिद्ध रचना है।
व्याख्या – जो मन से सोचते हैं वही वाणी से बोलते हैं तथा वही कर्म करते हैं ऐसे महात्मागण को हनुमान जी संकट से छुड़ाते हैं। जो मन में कुछ सोचते हैं, वाणी से कुछ दूसरी बात बोलते हैं तथा कर्म कुछ और करते हैं, वे दुरात्मा हैं। वे संकट से नहीं छूटते।
श्री हनुमान चालीसा - जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
“You flew in the direction of the Sunlight who's A large number of many years of Yojanas away, thinking about him like a sweet fruit.”
सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥
अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥ राम रसायन तुह्मरे पासा ।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन
“He whoever reads these verses on Hanuman, he will get spiritual attainments, Lord Shiva would be the witness to this assertion.”
સાળંગપુર હનુમાનજી શ્રી કષ્ટભંજનદેવ – દર્શનનો સમય
You flew toward the Sunshine that is Countless years of Yojanas absent, considering him for a sweet fruit.
व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की read more अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।
श्री राम स्तुति
भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।